Rumored Buzz on Subconscious Mind Power




यह चरवाह इस तरह की बेबुनियाद बातें कर रहा था। मूसा ने पूछा, "अरे भाई,

इस तरह की बातें करते-करते जब लोग हजरत जुन्नून के पास पहुंचे तो उन्होंने दूर से ही आवाज दी, "कौन हो? खबरदार, आगे न बढ़ना!"

यह तेरा कपट-जाल कब तक चलेगा? तेरी सूरत से ही झूठ टपकता है!"

हजरत मूसा बोला, "अच्छा, ले आज से इन दोनों की बोली समझने का ज्ञान तुझे प्राप्त हो गया।"

यह कहकर उस चरवाहे ने कपड़े फाड़ डाले, एक ठंडी सांस ली और जंगल में घुसकर गायब हो गया। इधर मूसा को आकाशावाणी सुनायी दी, "ऐ मूसा! तूने हमारे बन्देको हमसे क्यों जुदा कर दिया? तू संसार में मनुष्यों को मिलाने आया है या अलग करने? जहां तक सम्भव हो, जुदा करने का इरादा न कर। हमने हर एक आदमी का स्वभाव अलग-अलग बनाया है और प्रत्येक मनुष्य को भिन्न-भिन्न की बोलियां दी हैं। जों बात इसके लिए अच्छी है, वह तेर लिए बुरी है। एक बात इसके हक में शहद का असर रखती है और वही तेरे लिए विष का। जो इसके लिए प्रकाश है, वह तेरे लिए आग है। इसके हक में गुलाब का फूल और तेरे लिए कांटा हैं। हम पवित्रता, अपवित्रता, कठोरता और कोमलता सबसे अलग हैं। मैंने इस सृष्टि की रचना इसलिए नहीं की कि कोई लाभ उठाऊं, बल्कि मेरा उद्देश्य तो केवल यह है कि संसार के लोगों पर अपनी शक्ति और उपकार प्रकट करुगं। इनके जाप और भजन से मैं कुछ पवित्र नहीं हो जाता, बल्कि जो मोती इनके मुंह से झड़ते हैं, उनसे स्वयं ही इनकी आत्मा शुद्ध होती है। हम किसीके वचन या प्रकट आचरणों को नहीं देखते। हम तो ह्दय के

[ऐ मनुष्य, जब तू पैगम्बर नहीं तो निर्दिष्ट मार्ग से चल, जिससे कि कुएं-खाई से बचकर आसानी से अपने लक्ष्य पर पहुंच जाये। जब तू बादशाह नहीं तो प्रजा बनकर रह और जब तू मल्लाह नहीं तो नाव को न चला। तांबे की तरह रसायन का सहारा ले। ऐ मनुष्य! तू महापुरुषों की सेवा कर।] १

पति ने जवाब दिया, "कबतक ये शिकायतें किये जायेगी? हमारी उम्र ही क्या ऐसी ज्यादा रह गयी है! बहुत बड़ा हिस्सा बीत चुका है। बुद्धिमान आदमी की निगाह में अमीर और गरीब में कोई फर्क नहीं है। ये दोनों दशाएं तो पानी की लहरें हैं। आयीं और चली गयीं। नदी की तरेंग हल्की हो या तेज, जब किसी समय भी इनको स्थिरता नहीं तो फिर इसक जिक्र ही क्या?

जब यह अरब महल के द्वारा तक पहुंचा ता चोबदार आये। उन्होंने इसके साथ बड़ा अच्छा व्यवहार किया। चोबदारों ने पूछा, "ऐ भद्र पुरुष!

लोभ से आया था, परन्तु जब यहां पहुंचा तो इसके दर्शनों के लिए उत्कण्ठित हो गया।" फिर पानी की मशक देकर कहा, "इस नजराने को सुलतान की सेवा में पहुंचाओ और निवेदन करो कि मेरी यह तुच्छ भेंट किसी मतलब के लिए नहीं है। यह भी अर्ज करना कि यह मीठा पानी सौंधी मिट्टी के घड़े का है, जिसमें बरसाती पानी इकट्ठा किया गया था।"

यह सुनकर हरएक ने आनी-अपनी खूबियां बतलायीं। एक बोला, "मैं कुत्तो की बोली पहचानता हूं। वे जो कुछ कहें, उसे मैं अच्छी तरह समझ लेता हूं। हमारे काम में कुत्तों से बड़ी अड़चन पड़ती है। हम यदि बोली जान लें तो हमारा ख़तरा कम हो सकता है और मैं इस काम को बड़ी अच्छी तरह कर सकता हूं।"

और इसके लिए आतुरता की प्रशंसा हो-हमें बताएँ

[मित्र के कारण मिले हुए कष्टों website और मुसीबतों पर खुश होना मित्रता की चिह्न है। मित्र का उदाहरण सोने के समान है और उसके लिए परीक्षा अग्नि के तुल्य है। शुद्ध सोना अग्नि में पड़कर निर्मल और निर्दोष होता है।] १

एक दिन अरब की स्त्री ने अपने पति से कहा, "गरबी के कारण हम हर तरह के कष्ट सहन कर रहे हैं। सारा संसार सुखी है, लेकिन हमीं दुखी हैं। खाने के लिए रोटी तक मयस्सर नहीं। आजकल हमारा भोजन गम है या आंसू। दिन की धूप हमारे वस्त्र हैं, रात सोने का बिस्तर हैं, और चांदनी लिहाफ है। चन्द्रमा के गोल चक्कर को चपाती समझकर हमारा हाथ आसमान की तरफ उठ जाता है। हमारी भूख और कंगाली से फकीरों को भी शर्म आती है और अपने-पराये सभी दूर भागते हैं।"

अरे मूर्ख, ऐसा करने की तुझे किसने आज्ञा दी है? या किसी धार्मिक ग्रन्थ में तूने ऐसा पढ़ा है?" इतना कहकर वह उस पर टूट पड़ा और उसे इतना मारा कि उसका कचूमर निकाल दिया।

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